धरती हमारी उत्तराखंड की
उत्तराखंड की संस्कृति और उसमे बसने वाले लोग
शनिवार, 20 अक्टूबर 2012
हमारें आंसू पोछ कर वो मुस्कुराते हैं
,
इसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैं
,
हाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे को
,
इसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं
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