सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

दिल के कागज़ पर लिखा है,नाम केवल आपका



दिल के कागज़ पर लिखा है,नाम केवल आपका
ध्यान मन में लगा रहता है हरेक पल आपका
क्या गजब का हुस्न है और क्या अदाएं आपकी,
घूमता आँखों में रहता, चेहरा चंचल आपका
हम को दीवाना दिया है कर तुम्हारी चाह ने ,

सोने के साँचें से आया , ये बदन ढल आपका
बन संवर के ,निकलती हो ,जब ठुमकती चाल से,
दिल करे दीदार करता रहूँ दिन भर आपका
श्वेत केशों पर न जाओ,उम्र में क्या रखा,

प्यार देखो,दिल जवां है,और पागल आपका
बात सुन वो हँसे,बोले आप है सठिया गये,
जंच रहा है ,नहीं हमको ,ये प्रपोजल आपका
फिर भी ये तारीफ़ सुन कर,हमको है अच्छा लगा,
तहे दिल से शुक्रिया है,डियर सोहनआपका


सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

कहाँ से लाऊं ओ पल


रात तुम्हारी बाँहों में कटे ,सुबह हलकी हलकी लगे |
दिन तुम्हारे ख्यालों में गुजरे तो रात हलकी हलकी लगे ||
जो तुम्हे देखा तो सांसे गई थम ,सारी सारी रात सोये ना हम |
तुम साथ होकर भी साथ नहीं होती ,अब तो रात होकर भी रात नहीं होती ||
दिन गुजरा तन्हाई में ,रात गुजरी रुशवाही में |
कहाँ से लाऊं ओ पल ओ सुकून,जो कभी तुमने मुझे दिए ||
पर सोचा जो दिया ओ उधार समझूँ ,आएगा एक दिन जब सूत समेत वापस करूँ ||