Film: Khilauna (1970)
Music: Laxmikant-Pyarelal
Lyrics: Anand Bakshi
Singer (s): lata
Starring: Sanjeev Kumar, Mumtaz
अगर दिलबर की रुस्वाई हमें मंज़ूर हो जाये
(सनम तू बेवफ़ा के नाम से मशहूर हो जाये) - २
अगर दिल्बर की ... हो जाये
सनम ... हो जाये
(हमें फ़ुर्सत नहीं मिलती) - २
कभी आँसू बहाने से
(कई ग़म पास आ बैठे) -२
(तेरे एक दूर जाने से) - २
(अगर तू पास आ जाये तो हर ग़म दूर हो जाये) - २
सनम तू ... हो जाये
(वफ़ा का वास्ता देकर) - २
मोहब्बत आज रोती है
(न ऐसे खेल इस दिल से) - २
(ये नज़ुक चीज़ होती है) - २
(ज़रा सी ठेस लग जाये तो शीशा चूर हो जाये) -२
सनम तू ... हो जाये
(तेरे रंगीन होंठों को) - २
कमल कहने से डरते हैं
(तेरी इस बेरुख़ी पे हम) - २
(ग़ज़ल कहने से डरते हैं) - २
(कहीं ऐसा न हो तू और भी मग़रूर हो जाये) - २
अगर दिल्बर ….हो जाये
सनम तू ... हो जाये
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अगर दिलबर की रुस्वाई हमें मंज़ूर हो जाये
सनम तू बेवफ़ा के नाम से मशहूर हो जाये
हमें फ़ुर्सत नहीं मिलती कभी आँसू बहाने से
कई ग़म पास आ बैठे तेरे एक दूर जाने से
अगर तू पास आ जाये तो हर ग़म दूर हो जाये
सनम तू ... हो जाये
वफ़ा का वास्ता देकर मोहब्बत आज रोती है
न ऐसे खेल इस दिल से ये नज़ुक चीज़ होती है
ज़रा सी ठेस लग जाये तो शीशा चूर हो जाये
सनम तू ... हो जाये
तेरे रंगीन होंठों को कमल कहने से डरते हैं
तेरी इस बेरुख़ी पे हम ग़ज़ल कहने से डरते हैं
कहीं ऐसा न हो तू और भी मग़रूर हो जाये
अगर दिल्बर ….हो जाये
सनम तू ... हो जाये
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