रविवार, 21 अक्तूबर 2012

तुमसे बेहतर हैं



                                                                       तुम्हारी यादें


सच्चे-झूठे प्यार के वादें
रूठने-मनाने की अनगिनत बातें
वरना
आज
हम साथ होते
तो
बढ़ते वजन
और
घटते बालों 
के बीच
मोहब्बत
 तुमसे बेहतर हैं

तुम होती तो
न यादें होती
न बातें होती
थकी-थकाई सी
रातें होती
सोते हम एक बिस्तर पर
पर दो तकियों के बीच
हज़ारों मील की
दूरी होती

http://sohankharola.blogspot.com

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