मंगलवार, 23 मार्च 2010

शादी

मेरी शादी दिसम्बर ०९-१९९० को हुई । आज शादी हुए २० साल हो गए । लेकिन जब अपनी वीडियो देखता हूँ । तो एसा लगता है की मेरी शादी अभी हुई होगी । क्या आप भी ऐसा सोचते हैं । लिखे ।
सोहन खरोला

भगत सिंह (२७.०९.१९०७-२३.०३.१९३१)


तुझे जिब्हा करने की ख़ुशी और मुझे मरने का शौक है, मेरी भी मर्जी वही जो मेरे सैयाद की है ........ । इन पंक्तियों का हर लब्ज उस देशभक्त की वतन पर मर मिटने की ख्वाइश जताता है , जिसने जंग -ऐ- आजादी में हंसी ख़ुशी फांसी का फन्दा चूम लिया ।

वतन परस्ती की यह तहरीर भगत सिंह की उस डायरी का हिस्सा है , जो उन्होंने लाहोर जेल में लिखी थी । आँखों में आजादी के सपने लेकर सहीद -ऐ -आजम ने जेल में जो कठिन दिन गुजारे , उसका हर लम्हा इस डायरी में कैद किया । चार सौ चार पन्नो वाली यह मूल डायरी भगत सिंह के वंशज यादबिंदर सिंह के पास महफूज है । सिंह के परिवार ने इस एतिहासिक बिरासत को सालों से संजोकर रखा है ।

दिल्ली के नेहरू मेमोरिअल मुजियम में इस डायरी की एक प्रति भी उपलब्द है ।

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सोहन खरोला
Gangotry
गंगोत्री चार धामो में से एक धाम है। इस धाम में पहुँचने के लिया सबसे पहले उत्तकाशी पहुंचना पड़ता है । उत्तरकाशी के बाद पहला स्थान भटवारी पड़ता है । उसके बाद दूसरा स्टेसन गंग्नादी पड़ता है। जो गरम कुण्ड के लिए प्रसिद्ध है। उसके बाद तीसरा स्थान लंका पड़ता है। अंत का स्थान गंगोत्री है। गंगोत्री की छटा देखने लायक है। उस स्थान पर स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं । और माँ गंगे के चरणों में स्थान पा लेते हैं।
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सोहन खरोला