शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2012

अपने बच्चे को शिष्टाचार सीखाएं,


Parenting tips
ताकि बच्चे सुनें आपकी
आप चाहते हैं कि आप अपने बच्चे को जो कहें वह उन सभी बातों को मानें लेकिन उसके लिए जरूरी है अपने बच्चे को विश्वास में लेना। अपने बच्चे को समझदार बनाने के लिए, आपको बच्चे को समझना होगा, उनकी जरूरतों को समझना होगा और बच्चे की बातों को सुनना तो बेहद जरूरी है। आइए जानें कि कैसे बच्चे सुने आपकी बात।
आपको अपने बच्चे की बातों को ध्यान से सुनकर ही उस पर रिएक्शन देना चाहिए। तभी आप अपने बच्चे से अपने रिश्ते को महत्वपूर्ण बना पाएंगी।
फुर्सत में बच्चों के साथ बैठें और बच्चों द्वारा किए जा रहे कामों की प्रशसा करें और बच्चे को आगे काम करने के लिए प्रोत्साहित करें।
आप अपने बच्चे को बात-बात पर न डाटे और न ही बच्चें को हर छोटी-छोटी बात पर टोके। इससे बच्चा आपसे दूर-दूर रहने लगेगा और हर वो काम करेगा जो आप उसे करने के लिए मना करता है।
मा-बाप को अपने बच्चे की कम्यूनिकेशन स्किल्स अच्छी करने के लिए जरूरी है कि बच्चों के साथ अच्छी तरह से कम्यूनिकेट करना। बच्चों से आपकी बातचीत का तरीका उनके स्वभाव को प्रभावित तो करता ही है, साथ ही इससे उनके सीखने और आपकी बातों को सुनने की योग्यता भी विकसित होती है।
अपने बच्चे से सकारात्मक बात करें जैसे बच्चे को हर काम के लिए न, नहीं डोट डू जैसे शब्दों को इस्तेमाल करने के बजाय बच्चे को समझाएं कि वो इस काम को ऐसे नहीं वैसे कर सकता हैं, या फिर इस काम के लिए ये जगह ठीक नहीं, बल्कि वो जगह ठीक है। ऐसे में बच्चा आपकी बात भी आसानी से मानेगा।
बच्चे को कभी किसी से कंपेयर न करें, न ही बच्चे के लिए कभी गलत वर्डिंग्स का इस्तेमाल करो। बच्चे को बुलाने या बच्चे के साथ व्यवहार बहुत ही सोच-समझकर करें क्योंकि बच्चा अधिकतर मा-बाप का ही अनुसरण करता है।
बच्चों के साथ किया गया गलत व्यवहार बच्चे के मन पर बहुत गहरा असर डालता है, ऐसे में बच्चा हीन भावना का शिकार हो सकता है, उसका आत्म विश्वास कम हो सकता है।
कभी भी दो भाई बहनों में भेदभाव न करें और एक ही बच्चे, को अधिक प्यार न करें बल्कि बच्चे को प्यार से बुलाएं और दोनों को ही क्वालिटी टाइम दें।
बच्चों से बहुत ऊंची आवाज में या बदतमीजी से बात न करें, इससे बच्चा भी चीख-चीखकर बात करने का आदी हो जाएगा और फिर आपसे भी बात-बात पर बहस करने लगेगा।
आप अपने बच्चे का शुरूआत में ही एक शेड्यूल तैयार कर दें जिससे आपको अपने बच्चे को कोई बात समझाने में बहुत मेहनत न करनी पड़ी लेकिन कभी-कभी बच्चे के इस शेड्यूल में लचीलापन भी लाएं जिससे आपका बच्चा आपके और करीब आएं और आपकी बात सुनें।
अपने बच्चे को शिष्टाचार सीखाएं, इसके लिए आपको भी बच्चे से किसी काम करने पर बच्चे को थैंक्यू , आई लव यू, नाइस जैसे शब्दों से संबोधित करना चाहिए।

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