अगर आप नियमित तौर पर अंगूर का सेवन
करते हैं तो आप कभी भी मधुमेह का शिकार नहीं होंगे क्योंकि अंगूर में वे तत्व होते
हैं जो आपको मधुमेह से बचाते हैं। अंगूर का सेवन मधुमेह के एक अहम कारक मेटाबोलिक
सिंड्रोम के जोखिम से बचाता है। अंगूर शरीर में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता
है। शोधों में भी यह बात साबित हो चुकी है कि जो लोग नियमित रूप से अंगूर का सेवन
करते हैं उनमें मधुमेह का खतरा काफी कम होता है। शोध के मुताबिक अंगूर जैसे फाइ
टोकैमिकल से भरपूर फल खाने से लोगों को इसका फायदा मिलता है।मधुमेह रोगियों को
अपने आहार में विटामिन, मिनरल व फाइबर युक्त फलों को शामिल
करना चाहिए। जिन फलों में कार्बोहाइड्रेट होता है उनके सेवन से शरीर में ब्लड
ग्लूकोज का स्तर ठीक रहता है।
अंगूर व मधुमेह
आधा कप अंगूर से आपको 52 कैलोरी मिलती है। अंगूर प्राकृतिक रुप से मीठा होता है इसमें किसी
तरह का शुगर नहीं होता है। मधुमेह रोगी अंगूर जैसे अन्य फल जो प्राकृतिक रुप से मीठे हो, खा सकते हैं। इससे किसी तरह का खतरा नहीं होता है। लाल अंगूर में
फाइबर भी पाया जाता है इसके अलावा एक अलग तरह का कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता जो
ब्लड शुगर का लेवल नहीं बढ़ता है।अंगूर में ग्लूकोज पाया जाता है जो रसायनिक
प्रकिया के जरिए शरीर द्वारा सोख लिया जाता है । इसलिए अंगूर खाने के बाद आपको
तुरंत ऊर्जा का एहसास होता है। अंगूर को सुबह सुबह खाली पेट खाना ज्यादा फायदेमंद
माना जाता है। अंगूर के सेवन से मधुमेह के अलावा आपका हृदय भी स्वस्थ रहता है साथ
ही आप ब्लड प्रेशर की समस्या से भी बच सकते हैं। मधुमेह में हृदय रोग व रक्त चाप
की समस्या बहुत ही खतरनाक साबित होसकती है।
अंगूर के अन्य फायदे
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अंगूर दिमाग के
लिए काफी फायदेमंद होता है। अक्सर बच्चों को परीक्षा के समय उनके माता पिता खाने
के लिए अंगूर देते हैं क्योंकि इससे उनके दिमाग को रिफ्रेशमेंट मिलता है और
याद्दाशत मजबूत होती है।
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अंगूर में कैंसर
जैसी बीमारी से लड़ने की शक्ति है। कैंसर को नियंत्रित करने के लिए अंगूर खाने की
सलाह दी जाती है।
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अंगूर आपके हृदय
को स्वस्थ रखता है जिससे आप हृदय रोगों से दूर रहते हैं।
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अंगूर का रस
माइग्रेन में काफी फायदेमंद है।
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अंगूर का सेवन
गुर्दे के रोग में भी किया जाता है। अंगूर गुर्दे व लीवर से विषैले तत्व को बाहर
निकालता है।
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