मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

गौमुख

गौमुख अस्थान गंगोत्री से १८ किलोमीटर पर है ,यह अस्थान बड़ा सुंदर एबम रमणीक है । मैंने यहाँ की यात्रा चार बार की है। भगवान शिव की हमेशा किरपा रही है ।
सोहन

बूजो तो जाने

मेरा साथी एक निराला
मैं हूँ गोरा वह है काला.
जो मैं करता वह भी करता
नहीं बोलता ऐसा डरता .
2
आठ पांव पर पेट है गोल
कभी न सुनते मेरे बोल .
जीवनभर मैं जाल बनाऊ
उससे ही भोजन को पाऊँ .
3
तीन अक्छर का मेरा नाम
आता हूँ लिखने के कम .
प्रथम कटे तो हाथी बन जाऊं
अंत कटे तो कौवा .
4
पीली खल के अंदर फल
धुप लगे तो जाऊं जल.
बिना बीज का फल मैं होता
मुझमे कभी कीड़ा न होता .
सोहन