हम कोशिश करते रहे उनको अपने दिल मे बसाने की,
पर उन्होने ज़िद ठान ली थी हमसे दूर जाने की |
वो उम्र भर सोचते रहे के हम चाहते नहीं उनको
हम दलीलें ही देते रह गए, अपने मोहब्बत के पैमाने की ||
पर उन्होने ज़िद ठान ली थी हमसे दूर जाने की |
वो उम्र भर सोचते रहे के हम चाहते नहीं उनको
हम दलीलें ही देते रह गए, अपने मोहब्बत के पैमाने की ||
बे-मतलब, बे-बात रूठते रहे वो,
और हम तरकीबें सोचते रहे उनको मनाने की |
भटकता रहा वो बेमकसद इधर-उधर,
कोशिश ना की इक बार भी मेरे दिल के ओर आने की ||
हम खोये रह गए उनके ख्वाबों में ,
ख्वाबों की तो जात ही है टूट जाने की ||
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें