गुरुवार, 1 नवंबर 2012

कैसे तार तमूर का... मेरे तन से  जुदा नहीं तू ....
हमको मुहबत ढूंड रही थी 
नाम पता सब पूछ रही थी ,
तेरी कसम ओ ओ तेरी कसम हम ,
पकडे गए तो हथकड़ियों में जकड़े गए हैं 
हमको क़यामत ढूंड रही थी ,
नाम पता सब पूछ रही थी ,
हमको मुहबत ढूंड रही थी ,
नाम पता सब पूछ रही थी ,

चोरी से ये चुपके से आई ,
तेरे मेरे दिल में समाई ,
पहिले दिल का चैन चुराया ,
फिर आँखों से नीर बहाया ,
सात समुंदर बुजा न पाए ऐसी आग लगाई ,
ऐसा लगा बस जान निकल गई
सामने जब तू आई ,
तेरी कसम ओ ओ तेरी कसम हम ,
पकडे गए तो हथकड़ियों में जकड़े गए हैं ,
हमको क़यामत ढूंड रही थी ,
नाम पता सब पूछ रही थी ,
हमको मुहबत ढूंड रही थी ,
नाम पता सब पूछ रही थी
तेज हवा का बन के झोका ,
इसने हमको राह में रोका ,
बोली आओ मुजको सिखाओ ,
आँख मिचोली खेल दिलों का ,
तेरे मेरे नैन मिले तो इसको मिल गया मौका ,
क्या करते क्या कर सकते थे ,
दिल को मिल गया धोका ,
तेरी कसम ओ ओ तेरी कसम हम ,
पकडे गए तो हथकड़ियों में जकड़े गए हैं
हमको क़यामत ढूंड रही थी ,
नाम पता सब पूछ रही थी ,
हमको मुहबत ढूंड रही थी ,
नाम पता सब पूछ रही थी,





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