तेरे बिन, जब ढल गया था दिन
सांझ को ढ्लने का
सलीका आया।
चांद की बाहों में रोया था आसमां
तारों को जलने का सलीका आया।
सूख गये थे सब अरमां पलकों पर
चांद की बाहों में रोया था आसमां
तारों को जलने का सलीका आया।
सूख गये थे सब अरमां पलकों पर
आसूं को लुढकने का सलीका आया।
यूं तो मायूसी ही मिली थी अक्सर
तेरे बिन जीने का सलीका आया ।
कफस को छोड के रूह रूकसत हुई
यूं कफन पहनाने का सलीका आया।
संवेदनाओं की उम्मीदों ने लूटा मुझे
इकराक से जीने का सलीका आया।
कभी याद कर लेना फुरसत में हमें
यूं तो मायूसी ही मिली थी अक्सर
तेरे बिन जीने का सलीका आया ।
कफस को छोड के रूह रूकसत हुई
यूं कफन पहनाने का सलीका आया।
संवेदनाओं की उम्मीदों ने लूटा मुझे
इकराक से जीने का सलीका आया।
कभी याद कर लेना फुरसत में हमें
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