गुरुवार, 31 जनवरी 2013

जीवन भी क्या नशा है !!!

जीवन भी क्या नशा है जीने का ,
कोई जी लेता है मर -मर के ,
कोई जी लेता है डर - डर के ,
कोई तमाश बना लेता है इसको ,
कोई सजा लेता है इसको ,
कोई प्यार से भर देता इसका आँचल ,
कोई नफ़रत से कर देता सजल ,
सजल मत करो नयनो को इनको भी दुःख का एहसास होता है ,
क्या करें ये सजल तब भी होते हैं जब खुशी का एहसास होता है 

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