शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

* An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: दिल यूँ ही पिघलते हैं - कविता

* An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *: दिल यूँ ही पिघलते हैं - कविता: (अनुराग शर्मा) बर्ग वार्ता - पिट्सबर्ग की एक खिड़की जो आग पे चलते हैं वे पाँव तो जलते हैं कितना भी रोको पर अरमान मचलते हैं युग ...

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