*****फूल *****
खिले थे गुलाबी नीले हरे और जामुनी फूल उस हस्र जगह .
जहाँ छुवा था तुमने मुझे महक उठी थी केसर जहाँ चूमा था तुमने मुझे ..
बही थी मेरे भीतर नशीली बहार जब मुस्कराए थे तुम...
और भीगी थी मेरे मन की तमना जब उठ कर चल दिए थे तुम ....
एस० एस० खरोला
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